Gulab ke Ayurvedic Fayde | Ayurvedic use of Rose | Gulab ke gharelu nuskhe aur fayde.

Gulab ke Ayurvedic Fayde | Ayurvedic use of Rose | Gulab ke gharelu nuskhe aur fayde.

Gulab ke Ayurvedic Fayde | Ayurvedic use of Rose | Gulab ke gharelu nuskhe aur fayde. br br सभी को मोहने वाला गुलाब केवल अपनी सुंदरता के लिये ही नहीं वरन अपने औषधीय गुणों के लिये भी प्रसिध्द है। पूरे भारत में गुलाब की पैदावार होती है। गुलाब के फूलों का रस रक्तशोधक होता है। गुलाब में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। गुलाब का शर्बत मस्तिष्क को बल व शीतलता प्रदान करता है। गुलाब को तरुणी, शतपत्री, महाकुमारी आदि नामों से जाना जाता है। दाह, मुखपाक, मुखशोथ होने पर गुलकंद लाभकारी होता है। नेत्र विकारों में गुलाबजल का प्रयोग किया जाता है। गुलाबजल में फिटकरी मिलाकर उपयोग करने से कई रोग नष्ट होते हैं। गुलाब की पंखुड़ियों में विटामिन सी पाया जाता है। अत: विटामिन सी की कमी का पूरा करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है। br * गुलाब के अर्क में सफेद चंदन व कपूर पीसकर माथे पर लेप करने से सिरदर्द दूर होता है। br * गुलाब की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें कान में डालने से कर्णशूल में राहत मिलती है। br * गुलाब के अर्क में चंदन का तेल मिलाकर मालिश करने से शीत पित्त में लाभ होता है। br * गुलाब के फूल, लौंग, अकरकरा और शीतल चीनी को पीसकर गुलाब जल के साथ गोलियां बनाकर चूसने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है। br * प्रात:काल गुलकंद खाने से मुंह के छाले ठीक होते हैं। br * टीबी से आई शारीरिक कमजोरी में गुलकंद का सेवन करने से लाभ होता है। br * हाथ-पैर या पूरे शरीर में जलन होने पर चंदन में गुलाबजल मिलाकर लेप करें। br * गुलकंद को सनाय की पत्ती के साथ सेवन करने से कब्ज दूर होता है। br * एक कप गुलाब जल, चौथाई कप चूने का पानी, चौथाई कप संतरे का रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से सीने में जलन, गले में जलन, जी मिचलाना आदि रोग नष्ट होते हैं। br * जलन या बहुत ज्यादा गर्मी हो तो गुलाब की पंखुड़ी 10 ग्राम, इलायची 5, काली मिर्च 5 तथा मिश्री 10 ग्राम पीसकर हर चार घंटे पर पिलाएं। br * दाद पर गुलाब के अर्क में नींबू का रस मिलाकर लेप करें। br * लू लगने पर गुलाबजल, पानी में मिलाकर माथे पर पट्टी रखें। br * भोजन के बाद गुलकंद खाने से हाजमा ठीक होता है। br * आधा सीसी के दर्द में एक ग्राम असली नौसादर को 12 ग्राम गुलाबजल में मिलाकर हिला लें। नाक में चार-पांच बूंद दवा की टपकाकर नाक के अंदर खींच लें। कुछ ही देर में सिरदर्द में आराम होगा। br . br br डिस्क्लेमर br यह वीडियो आयुर्वेद सम्बंधी लोगों में आम जानकारी और जागरूकता बढाने के लिये है. व्यक्तिगत चिकित्सा के लिये आयुर्वेदिक चिकित्सकवैद्य से प्रामर्श आवश्यक है। यहाँ दी गई राय उसका स्थान नहीं ले सकती .


User: HowToVideo

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Uploaded: 2017-11-05

Duration: 02:42