गुरु नानक सखी की नमाज़ | Prayer of guru nanak sakhi | Amazing Facts

गुरु नानक सखी की नमाज़ | Prayer of guru nanak sakhi | Amazing Facts

गुरु जी की बात सुन दोनों अपनी करनी पर शर्मिंदा हुए. गुरु जी ने कहा, सच्ची नमाज़ वही है जो मन को एकाग्र करके की जाए. बिना मन के की गई नमाज़ अपने आप से और अल्लाह से धोखा करना हैbr एक दिन नवाब दौलत खां और शहर के क़ाज़ी ने गुरु नानक से कहा, कि आप यदि को लगता है हिन्दू और मुसलमान मे कोई फर्क नहीं है सब ख़ुदा के ही बनाए बन्दे हैं तो चलिए हमारे साथ ख़ुदा की नमाज़ पढने मस्जिद में चलें. गुरु जी तैयार हो गए पर उन्होंने एक शर्त रखी, कि ठीक है, परन्तु मैं तभी नमाज़ पढूंगा जब आप लोग भी नमाज़ पढेंगे.br शर्त मंज़ूर कर ली गई. गुरु नानक नवाब और काज़ी के साथ मस्जिद में पहुंचे. काज़ी और नवाब दौलत खां नमाज़ अत करने लगे परन्तु गुरु नानक एक तरफ खड़े रहे. उन्होंने नमाज़ नहीं पढ़ी.br नमाज़ के बाद नवाब ने पूछा नानक, आपने नमाज़ क्यूँ नहीं पढ़ी. जबकि आपकी शर्त के मुताबिक हम दोनों तो नमाज़ पढ़ रहे थे. तब गुरु जी ने कहा, नवाब साहिब, आप नमाज़ कहाँ पढ़ रहे थे..आप तो काबुल में घोड़ों की खरीदोफ़िरोख्त कर रहे थे..और इसी तरह काज़ी साहिब का मन भी नमाज़ की जगह उनके घर नए जन्में बछेरे की देखभाल में लगा था.


User: Amazing Facts Official

Views: 79

Uploaded: 2018-04-24

Duration: 01:46

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