सदा सर्वदा - गणपति प्रार्थना | Marathi Shloka With Lyrics | Sada Sarvada Yog Tuza Ghadava | अर्था

सदा सर्वदा - गणपति प्रार्थना | Marathi Shloka With Lyrics | Sada Sarvada Yog Tuza Ghadava | अर्था

सदा सर्वदा - गणपति प्रार्थना | Marathi Shloka With Lyrics | Sada Sarvada Yog Tuza Ghadava | अर्थाbr br भगवान गणेश प्रथम पूजनीय है और सबके चहिते भगवान है सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाले श्री गणेश की आरती के बाद उनकी प्रार्थना के लिए सदा सर्वदा नाम के श्लोक कहें जाते है। इस श्लोक के बारे में महत्वपूर्ण जानकरी देखिये इस वीडियो में br br Don't forget to Share, Like & Comment on this videobr br Subscribe Our Channel Artha : br br १ सदा सर्वदा एक प्रसन्न श्लोक है जो भगवान गणेश की आरती के बाद उनकी प्रार्थना करने हेतु बोला जाता हैbr २ ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश तथा हिंदू गुरु रघुवीर समर्थ और संत ज्ञानेश्वर का सम्मान करने का यह एक पवित्र मार्ग हैbr ३ इस मराठी प्रार्थना में पांच से छह छंद हैं, परंतु ज्यादातर सिर्फ चार छंदों का वर्णन किया जाता है br ४ यह आमतौर पर लोकप्रिय 'श्री मनाचे श्लोक' ( मन के श्लोक) के नाम से भी जाना जाता है। जिसमे २०५ श्लोक है और इसे समर्थ रमादास स्वामी ने लिखा है br ५ इसे भगवान राम के प्रति सम्मान के रूप में भी माना जाता है। रामदास स्वामी ने बहुत साहित्य की रचना की है और मनाचे श्लोक उनका सबसे लोकप्रिय साहित्य माना जाता हैbr ६ मनाचे श्लोक की तरह, सदा सर्वदा नैतिक व्यवहार का पालन करने के लिए भक्तों को निर्देश देता हैं और हिंदू गुरुओं और देवताओं के प्रति भक्ति निर्माण का कार्य करता है br ७ इसलिए, हर शाम को इन श्लोकों का पठन करने की परंपरा कई मराठी परिवारों में देखी जाती है। यह श्लोक इस प्रकार हैbr br सदा सर्वदा योग तूझा घडावाbr br तुझे कारणी देह माझा पडावाbr br उपेक्षू नको गूणवंता अनंताbr br रघूनायका मागणे हेचि आतां ।।१।। br br br br उपासनेला दृढ चालवावेंbr br भूदेव संताशी सदा नेमावेंbr br सत्कर्म योगे वय घालवावेंbr br सर्वामुखी मंगल बोलवावें ।।२।।br br br br br कैलास राणा शिव चंद्रमौळीbr br फणींद्र माथा मुकुटी झळाळीbr br कारुण्य सिंधू भवदु:खहारीbr br तुजवीण शंभो मज कोण तारी ।।३।।br br br br मोरया मोरया मी बाळ तान्हेंbr br तुझीच सेवा करु काय जाणेbr br अन्याय माझे कोट्यानुकोटीbr br मोरेश्वरा ब तू घाल पोटी ।।४।।br br br br ज्या ज्या ठीकांणी मन जाय माझे br br त्या त्या ठीकांणी निजरुप तुझेbr br मी ठेवितो मस्तक ज्या ठीकांणीbr br तेथे तुझे सदगुरु पाय दोन्ही ।।५।।br br br br अलंकापुरी पुण्य भूमी पवित्रbr br तिथे नांदतो ग्यानराजा सुपात्रbr br तया आठविता महापुण्यराशीbr br नमस्कार माझा सदगुरु ज्ञानेश्वराशी ।।६।।br br जय जय रघुव?


User: Artha

Views: 53

Uploaded: 2019-02-05

Duration: 03:08