भोग माने क्या? क्या भोग-भोग के वैराग्य पाया जा सकता है? || आचार्य प्रशांत, ओशो और भर्तृहरि पर (2017)

भोग माने क्या? क्या भोग-भोग के वैराग्य पाया जा सकता है? || आचार्य प्रशांत, ओशो और भर्तृहरि पर (2017)

वीडियो जानकारी:br br शब्दयोग सत्संगbr १३ दिसंबर, २०१७br अद्वैत बोधस्थल, नॉएडाbr br “भोगते रहने से आदत बनती है, और दमन से अन्दर विष इकट्ठा होता है।”br ~ ओशोbr br प्रसंग:br भोग माने क्या?br क्या भोग-भोग के वैराग्य पाया जा सकता है?br “भोगते रहने से आदत बनती है, और दमन से अन्दर विष इकट्ठा होता है।” ऐसा क्यों कहते हैं ओशो?br भोग तृप्ति क्यों नहीं दे पाता है?br वैराग्य क्या है?br वैराग्य को कैसे प्राप्त करें?br दमन करना कहाँ तक उचित है?br br संगीत: मिलिंद दाते


User: आचार्य प्रशान्त

Views: 7

Uploaded: 2019-11-05

Duration: 30:47

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