क्या परिवार के साथ रहकर सच को नहीं पाया जा सकता? || आचार्य प्रशांत, बाबा बुल्लेशाह पर (2019)

क्या परिवार के साथ रहकर सच को नहीं पाया जा सकता? || आचार्य प्रशांत, बाबा बुल्लेशाह पर (2019)

वीडियो जानकारी:br br शब्दयोग सत्संग,br ११ मई, २०१९br अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडाbr br प्रसंग:br br हादी मैंनूं सबक पढ़ाया,br ओत्थे होर न आया-जाया,br मुतलिक ज़ात जमाल विखाया,br वहदत पाया ज़ोर नी।br br अर्थ: गुरु ने मुझे यह शिक्षा दी कि यह मार्ग ऐसा है कि वहाँ कोई आता-जाता नहीं है। गुरु ने मुझे निरपेक्ष सौन्दर्य का दर्शन करा दिया है और मैं उसी के रंग में ऐसी रंग गयी हूँ कि अद्वैत ज़ोर दिखाने लगा है।br br ~ बाबा बुल्लेशाहbr br क्या परिवार के साथ रहकर सच को नहीं पाया जा सकता?br परिवार सत्य का विरोध क्यों करता है?br परिवार को सत्य की राह पर कैसे लाएँ?br परिवार के साथ रहकर सत्य को कैसे पाएँ?br क्या सत्य पाने के लिए परिवार को छोड़ना ज़रूरी है?br br संगीत: मिलिंद दाते


User: आचार्य प्रशान्त

Views: 2

Uploaded: 2019-11-23

Duration: 26:36

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