युद्ध के विरुद्ध अर्जुन का स्त्रियों के दूषित होने का तर्क क्या?||आचार्य प्रशांत,भगवद् गीता पर(2019)

युद्ध के विरुद्ध अर्जुन का स्त्रियों के दूषित होने का तर्क क्या?||आचार्य प्रशांत,भगवद् गीता पर(2019)

वीडियो जानकारी:br br शब्दयोग सत्संगbr 13 जुलाई 2019br अद्वैत बोधस्थल ,ग्रेटर नॉएडाbr br प्रसंग:br स्त्रियों के दूषित हो जाने पर वर्णसंकर उत्पन्न क्यों होता है?br धर्म का नाश हो जाने पर सम्पूर्ण कुल में पाप क्यों फैल जाता है?br मोह को कैसे छोड़ें?br br श्लोक:br [श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय १, श्लोक ४०)]br कुलक्षये प्रणश्यन्ति कुलधर्माः सनातनाः ।br धर्मे नष्टे कुलं कृत्स्नमधर्मोऽभिभवत्युत ॥br भावार्थ :br कुल के नाश से सनातन कुल-धर्म नष्ट हो जाते हैं तथा धर्म का नाश हो जाने पर सम्पूर्ण कुल में पाप भी बहुत फैल जाता है ॥br br श्लोक:br [श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय १, श्लोक ४१)]br अधर्माभिभवात्कृष्ण प्रदुष्यन्ति कुलस्त्रियः ।br स्त्रीषु दुष्टासु वार्ष्णेय जायते वर्णसंकरः ॥br br भावार्थ :br हे कृष्ण! पाप के अधिक बढ़ जाने से कुल की स्त्रियाँ अत्यन्त दूषित हो जाती हैं और हे वार्ष्णेय! स्त्रियों के दूषित हो जाने पर वर्णसंकर उत्पन्न होता है ॥br br संगीत: मिलिंद दाते


User: आचार्य प्रशान्त

Views: 11

Uploaded: 2019-11-23

Duration: 10:11

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