भुलाए बिना चैन न पाओगे || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता (2014)

भुलाए बिना चैन न पाओगे || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता (2014)

वीडियो जानकारी:br br शब्दयोग सत्संगbr ९ मार्च २०१४br अद्वैत बोधस्थल, नॉएडाbr br Ashtavakra Gita (अध्याय १६ श्लोक ११)br हरो यद्युपदेष्टा ते हरिः कमलजोऽपि वा।br तथापि न तव स्वाथ्यं सर्वविस्मरणादृते॥br br अर्थ:br तुम्हें चाहे ब्रह्मा, विष्णु और महेश आ जाएँ पढ़ाने लेकिन जब तक तुम सब कुछ विस्मृत नहीं कर देते तब तक तुम स्वस्थ न होओगे।br br प्रसंग:br ऐसा क्यों कह रहे है? अष्टावक्र, "तुम्हें चाहे ब्रह्मा, विष्णु और महेश आ जाएँ पढ़ाने लेकिन जब तक तुम सब कुछ विस्मृत नहीं कर देते तब तक तुम स्वस्थ न होओगे।"br भरे हुई मन कि सफाई कैसे करे?br क्या पुराने को बिना छोड़े हुए नये कि कल्पना की जा सकती है?br बिना बंधन को छोड़े मुक्ति संभव है?


User: आचार्य प्रशान्त

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Uploaded: 2019-11-26

Duration: 10:49

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