प्रेम में नाकामी का पुराना बहाना || आचार्य प्रशांत, संत कबीर (2014)

प्रेम में नाकामी का पुराना बहाना || आचार्य प्रशांत, संत कबीर (2014)

वीडियो जानकारी:br br शब्दयोग सत्संगbr २२ जून २०१४br अद्वैत बोधस्थल, नॉएडाbr br दोहा:br पिय का मारग कठिन है, जैसे खांडा सोय |br नाचन निकसी बापुरी, घूंघट कैसा होय ||br br प्रसंग:br प्रेम क्या है?br प्रेम में नाकामी का यही पुराना बहाना है,खुदा को तो पाना है खुद को भी बचाना हैbr "नाचन निकसी बापुरी, घूंघट कैसा होय" इस दोहे के माध्यम से कबीर क्या बताना चाह रहे है?


User: आचार्य प्रशान्त

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Uploaded: 2019-11-27

Duration: 17:29