सिर राखे सिर जात है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2017)

सिर राखे सिर जात है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2017)

वीडियो जानकारी:br br शब्दयोग सत्संगbr ८ मई, २०१७br अद्वैत बोधस्थल, नोएडाbr br दोहा:br सिर राखे सिर जात है, सिर कटाये सिर होये।br जैसे बाती दीप की, कटि उजियारा होये।। (संत कबीर)br br प्रसंग:br "सिर राखे सिर जात है, सिर कटाये सिर होये।" संत कबीर ऐसा क्यों कह रहे है?br सिर राखे सिर जात है यहाँ सिर का क्या अर्थ है?br सत्य क्या है?br आत्मा क्या है?br क्या सत्य और संसार अलग-अलग हैं?


User: आचार्य प्रशान्त

Views: 116

Uploaded: 2019-11-28

Duration: 48:57

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