हां, मैं शाहीन बाग़ हूं

हां, मैं शाहीन बाग़ हूं

“ अवाम के नाम ”br br हां, मैं शाहीन बाग़ हूं ।br br जम्हूरियत का जश्न हूं,br तरक्की की ताल हूंbr वतन की परस्ती में br मज़हबी प्रयाग हूंbr हां, मैं शाहीन बाग़ हूं ।br br मैं नारों की गूंज मेंbr इल्म की आवाज़ हूं,br ख़ामोशी के मुख़ालिफ़br गीत, संगीत और राग हूंbr हां, मैं शाहीन बाग़ हूं ।br br मैं जवानों का जोश हूंbr मैं मुफ़लिसों का रोष हूं,br मैं सर्द रात के विरुद्धbr रौशनी की आग हूंbr हां, मैं शाहीन बाग़ हूं ।br br मैं दुर्गा में, काली मेंbr ग़रीब की थाली में,br मैं पीर भी, फक़ीर भी, ख़यालों के तीर भीbr ज़ुल्मी का अंत, अवाम का अनुराग हूं ।।br हां, मैं शाहीन बाग़ हूं ।


User: GoNewsIndia

Views: 280

Uploaded: 2020-01-25

Duration: 00:54