रतलांम के किसान अब पारंपरिक खेती को छौड़कर फूलों की खेती में आगे आ रहे है

रतलांम के किसान अब पारंपरिक खेती को छौड़कर फूलों की खेती में आगे आ रहे है

pरतलांम के किसान अब पारंपरिक खेती को छौड़कर फूलों की खेती में आगे आ रहे है, इनमे सरकार की भी ख़ासि मदद  किसानो को मिल रही है, वही शिक्षित ग्रामीण महिलाएं भी खेती में बढ़चढ़ कर आगे आ रही है रतलांम जिले के सिमलावदा के किसान बिहारी लाल ने 2012 से पारंपरिक खेती से हटकर अन्य खेती करना शुरू किया इसमे सबसे पहले किसान बिहारीलाल पाटीदार ने फूलों की खेती की, ऐसे में वेलंनटाईन डे पर गुलाब के फूलों की डिमांड देखते हुए किसान बिहारीलाल ने फूलों की खेती शुरुकी, सरकारी मदद के लिए किसान बिहारीलाल ने उदनीकी वीभाग में सम्पर्क किया ,उद्यानिकी विभाग से किसान को न सिर्फ अच्छी क्वालिटी की पैदावार बल्कि उच्च तकनीकी की भी जनकरी दी, पॉलीहाउस की मदद से किसान बिहारलाल ने गुलाब व गेंदे के फुल् की अच्छी क्वालिटी तैयार की, और अब खासा मुनाफा कमाकर इस पैदावार को मुंबई, और जबलपुर तक पहुंचा रहे है, किसान गुलाब के फूलों को बाज़ारतक सुरक्षित लेजाने के लिए उनकी अच्छी पेकेजिंग कर रहा है किसान बिहारी लालबताते है कि एक कली10 से 12 रुपये के भाव से बाजार में बिक जाती है वही गेंदे के फूलों की खेती केवल पौधे तैयार करने के लिए कर रहे है, इसमे भी किसान बिहारी लाल को काफी मुनाफा होरहा हैp


User: Bulletin

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Uploaded: 2020-02-16

Duration: 00:10

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