ऐसे नहीं चलेगा प्रेम || आचार्य प्रशांत, कबीर साहब पर (2019)

ऐसे नहीं चलेगा प्रेम || आचार्य प्रशांत, कबीर साहब पर (2019)

प्रसंग: br br प्रेम-गली अति सांकरी, तामें दो न समाहिं।br जब मैं था तब हरि नहीं, जब हरि है मैं नाहिं।br ~कबीर साहब br br ~ प्रेम तो दो के बीच होता है, एक में प्रेम कैसे संभव है?br ~ प्रेम ओर ज्ञान में कौन पहले आता है?br ~ कैसे पता चले कि अहंकार को प्रेम समझ में आ गया है?br br संगीत: मिलिंद दाते


User: आचार्य प्रशान्त

Views: 2

Uploaded: 2020-04-05

Duration: 23:46

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