Corona Ke Karmvir : 45 डिग्री तापमान, पसीने से तर बतर...फिर भी खड़े हैं कोरोना योद्धा

Corona Ke Karmvir : 45 डिग्री तापमान, पसीने से तर बतर...फिर भी खड़े हैं कोरोना योद्धा

जान निकलती नहीं बाकी रहता नहीं br पीपीई किट पहनने के बाद सहन करनी पड़ती है डबल गर्मीbr लगातार कई घंटे पहनने पर आती है कई दिकक्तेbr br जयपुर- कोरोना योद्धाओं के लिए कवच की तरह काम कर रहा (पीपीई) किट इस तेज गर्मी में उनके लिए मुसीबत बन गया है। कोरोना के इस संक्रमण में डॉक्टर, लैब टेक्निशियन, नर्स को बचना भी है, लेकिन इस भारी गर्मी में पूरे शरीर को पीपीई किट से दिनभर ढंककर रखना मजबूरी है। भरी गर्मी में पीपीई किट पहनकर फिल्ड में सैंपल लेने में चिकित्साकर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।पहनने के बाद पूरा शरीर पसीने से तर हो जाता है। आंखों में जलन होने लगती है। प्यास के मारे गला सूख जाता है लेकिन पानी नहीं पी सकते। डिहाइड्रेशन का डर बना रहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन्हें हो रहीं है जो फिल्ड में जाकर सैंपलिंग का काम कर रहे है। जब हमने राजधानी जयपुर में सैंपलिंग का काम रहीं टीम से बात की तो उनका कहना था जान निकलती नहीं बाकी रहता नहीं ।br br आज हमे देश सेवा करने का मौका मिला तो कैसे पिछे हटेbr पिछले कई महीनें से परकोटे में सैंपलिंग का काम कर रहीं डॉ. नेहा का कहना था घुटन होती है,गुस्सा आता है लेकिन फिर भी हम करते है । हमे लगता है अभी इन्हें हमारी जरूरत है । एक जवान 24 घंटे बॉर्डर पर हमारे लिए इस धूप में खड़ा रह सकता है तो हम क्यों नहीं कुछ घंटे रह सकते। उन्होंने बताया चार चार घंटे पीपीई किट पहनकर काम करना पड़ रहा है। पारा 45 के पास पहुंच गया है। बिना एसी पीपीई किट पहनने की वजह से हर 2 घंटे में कपड़ा भीग जाता है। मजबूरन कुछ देर के लिए पीपीई किट उतरना पड़ता है। लगातार मास्क पहनने से चेहरे पर दाग पड़ रहे हैं और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। br br पिछले दो महीने से कर रहे है, आदत हो गईbr एयरपोर्ट पर सैंपलिंग का काम कर रहे डॉ.


User: Patrika

Views: 124

Uploaded: 2020-05-28

Duration: 03:10

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