गरीब राजू की समझदारी | Moral Stories | Hindi Kahaniya | Hindi Stories | Bedtime Stories | Kahaniyan

गरीब राजू की समझदारी | Moral Stories | Hindi Kahaniya | Hindi Stories | Bedtime Stories | Kahaniyan

Video Link: br br Story-br br लंगड़ा सोहनलाल लंगड़ाते हुए अपनी पुरानी सी झोपड़ी में आता है जहां पुरानी और फटी हुई कपड़े पहन कर राजू पहले से ही उसका इन्तजार कर रहा है। अरे पिताजी आ गए आज बहुत देर कर दी पता है मुझे आपकी चिंता हो रही थी अरे बेटा क्या करूं। आज बाजार में बहुत देर हो गई। अच्छा तो पिताजी आज तो सारी मालाएं बिक गई होंगी फिर जल्दी से कुछ पैसे देना। सुबह से कुछ नहीं खाया। बहुत भूख लगी है। अरे कहां बेटा। आज तो एक भी माला नहीं बिकी। इसीलिए तो बाजार में बैठा रहा कि शायद कोई माला बिक जाए मगर कोई फायदा नहीं हुआ। आज तो कुछ बिका ही नहीं। तो पिताजी फिर हमें आज भी भूखा ही सोना पड़ेगा रुक बेटा तू यहीं ठहर मैं कोई इंतजाम करके आता हूं। मगर पिताजी आप कहां से लाओगे। हमारे पास तो पैसे ही नहीं हैं। इतना कहकर सोहन लाल अपनी बैसाखी उठाकर बाहर चला गया और राजू उदास सा घर के अंदर बैठ कर अपने पिता जी का इंतजार करने लगा br br आगे की पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे br br br ►Subscribe for More Hindi Stories- -------------br br ► Our Social Mediabr br Facebook: Twitter: Pinterest: br -------------br br ✿The following video contains some horror elements suitable for a mature audience.br br ------------br br Copyright © 2018 by Best Buddies Media Pvt Ltd. All rights reserved.


User: Best Buddies Stories

Views: 6

Uploaded: 2021-01-27

Duration: 08:04

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