श्री कृष्ण-सुदामा मिलन देख भावुक हुए श्रद्धालू, आंखों से बही अश्रुधारा

श्री कृष्ण-सुदामा मिलन देख भावुक हुए श्रद्धालू, आंखों से बही अश्रुधारा

pशाजापुर। जीवन में मित्रता उतनी ही जरूरी है जितना जीने के लिए सांसे। यदि मित्र ही नहीं होगा तो हम अपनी भावना, अपनी बात किससे कहेंगे। बिना मित्र के जीवन पूरी तरह निरर्थक है। मित्रता भी अच्छे लोगों से करना चाहिए जो जीवन की दिषा बदल दे। यदि गलत व्यक्ति की संगत में बैठ गए तो जीवन की दषा ही बदल जाएगी और दिषाहीन हो जाओगे। उक्त आर्षीवचन पं. अनिल शर्मा ने रविवार को हाऊसिंग बोर्ड कालोनी मे चल रही श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिवस श्री कृष्ण-सुदामा प्रसंग सुनाते हुए कही। पं.


User: Bulletin

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Uploaded: 2021-02-21

Duration: 00:12

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