Tippani परिक्रमा: Media के अच्छे-बुरे दिन और धृतराष्ट्र संजय संवाद l NL Tippani Episode 42

Tippani परिक्रमा: Media के अच्छे-बुरे दिन और धृतराष्ट्र संजय संवाद l NL Tippani Episode 42

साल जाते-जाते महाराज धृतराष्ट्र और संजय संवाद की वापसी हो रही है. किसानों का आंदोलन दिल्ली के इर्द गिर्द चल रहा है इसलिए इस बार का संवाद #FarmersProtest पर केंद्रित रहा. br br संजय ने धृतराष्ट्र के चित की बेचैनियों का उत्तर देते हुए कहा कि डंकापति को लगता है कि बाबा गुरुनानक देव के बंदों को खुश करने की बजाय गुरुनानक देव को ही खुश कर लिया जाय. इसलिए वो किसानों बात करने की बजाय सीधे नई दिल्ली की गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंच गए. इस मौके पर भी डंकापति एक अदद वीडियो कैमरामैन और दो नग फोटोग्राफर साथ ले जाना नहीं भूले. इसके बाद ट्विटर और #SocialMedia पर डंकापति की अक्षौहिणी सेना और आईटी के कारिंदों ने आंख बंद कर रकाबगंज को रकाबजंग में तब्दील कर दिया. br br यह इस साल की आखिरी टिप्पणी है. हम उम्मीद करते हैं कि नया साल आप सबके लिए बीते साल से बेहतर होगा. नए साल के पहले हमने टिप्पणी की साल भर की छोटी सी यात्रा की एक परिक्रमा की है. पूरे साल के दौरान आई तमाम टिप्पणियों के पीछे जिस टीम की भूमिका है उससे आप सबको मिलवाना भी था. br br बहुत थोड़े से समय में टिप्पणी को आप लोगों ने काफी प्यार दिया है. कोरोना और लॉकडाउन ने पत्रकारिता की चुनौतियों को कई गुना बढ़ा दिया. न्यूज़लॉन्ड्री के सामने भी इस दौरान बड़ी चुनौती पेश आयी. विज्ञापन से मुक्त मीडिया आज बहुत बड़ी जरूरत है. कोरोना के कारण सरकारों के विज्ञापन पर मीडिया की निर्भरता बहुत बढ़ गई है. ऐसे मीडिया घरानों को सरकारें आसानी से अपने मनमुताबिक प्रभावित कर लेती हैं. क्या आप चाहते हैं मीडिया सरकार के इशारे पर, कारपोरेशन के इशारे पर चले. अगर नहीं तो नए साल में आपका नया रिज़ोलुशन होना चाहिए आज़ाद मीडिया. मीडिया जो आपके सहयोग से चले. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें.


User: Newslaundry

Views: 1

Uploaded: 2021-11-10

Duration: 24:25

Your Page Title