पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊँचे बन जाओ। सागर कहता है लहराकर, मन में गहराई लाओ।PARVAT KHTA SHEESH UTHHA KR TUM BHI UNCHE BAN JAAO

पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊँचे बन जाओ। सागर कहता है लहराकर, मन में गहराई लाओ।PARVAT KHTA SHEESH UTHHA KR TUM BHI UNCHE BAN JAAO

पर्वत कहता शीश उठाकर,br तुम भी ऊँचे बन जाओ।br सागर कहता है लहराकर,br मन में गहराई लाओ।br br समझ रहे हो क्या कहती हैंbr उठ-उठ गिर-गिर तरल तरंगbr भर लो भर लो अपने दिल मेंपृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ोbr कितना ही हो सिर पर भार,br नभ कहता है फैलो इतनाbr ढक लो तुम सारा संसार! ।br – सोहनलाल द्विवेदी (भारतीय कवि)br मीठी-मीठी मृदुल उमंग! ।


User: AAT EXPRESS

Views: 4

Uploaded: 2022-12-28

Duration: 00:36

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