'आधे' मन के 'अधूरे' सपने लिए मंच पर उतरे मध्यमवर्ग के 'बिखरे' किरदार

'आधे' मन के 'अधूरे' सपने लिए मंच पर उतरे मध्यमवर्ग के 'बिखरे' किरदार

जयपुर। भारतीय समाज के मिडिल क्लास परिवारों की 'मासूम' ख्वाहिशों और उलझे हुए रिश्तों में 'अधूरी' हसरतों के साथ 'पूरा' होने का अहसास साहित्यकार मोहन राकेश की कहानियों और किरदारों से होता है। हिंदी साहित्य में 'नई कहानी' आंदोलन के अगुवा लेखकों के रूप में उनकी १९६९ में लिखी '


User: Patrika

Views: 5

Uploaded: 2023-09-09

Duration: 00:25

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