जीवन का हर क्षण नया: कर्म, कामना, और चेतना || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)

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‍♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?br लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: br आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?br फ्री डिलीवरी पाएँ: br ➖➖➖➖➖➖br br वीडियो जानकारी: 15.2.24 , गीता समागम , ग्रेटर नॉएडा br br प्रसंग: br ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् ।br मम वर्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ।।br br जो जैसे मुझे भजता है, मैं भी उन्हें वैसे ही भजता हूँ। जो मनुष्य जिस भी मार्ग पर चल रहा हो, चल तो वो मेरे ही मार्ग पर रहा है।br ~ भगवद् गीता - 4.


User: आचार्य प्रशान्त

Views: 2

Uploaded: 2024-08-09

Duration: 01:05:46

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