(गीता-19) तुम हो ही नहीं (घातक सच, हल्के लोग न देखें) || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)

(गीता-19) तुम हो ही नहीं (घातक सच, हल्के लोग न देखें) || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)

वीडियो जानकारी: 08.09.23, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा br br प्रसंग: br ~ किस गति को कर्म नहीं बोला जा सकता?br ~ क्या हम सब मशीन हैं?br ~ क्यों लाखों करोड़ों में कोई एक इंसान होता है?br ~ मुक्त इच्छा कहाँ संभव है?br ~ क्या कर्ताभाव गलत है?br br प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः। अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताऽहमिति मन्यते ।।br वास्तविकता ये है कि यथार्थ में प्रकृति के तीन गुणों से उत्पन्न शरीर और इन्द्रियों के द्वारा ही संसार के सब काम होते हैं। लेकिन अंधकार से अंधा मनुष्य सोचता है 'मैंने किया'।br श्रीमद्भगवद्गीता - 3.


User: आचार्य प्रशान्त

Views: 2

Uploaded: 2024-11-21

Duration: 01:50:58