VID-20250217-WA0018

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रूपध्यान कीजिए -br br सोते हुए श्यामसुन्दर को जगाती हुई मैया कहती है कि हे मेरे आँखो के तारे श्यामसुन्दर! जागो। देखो तो सवेरा हो गया। चारों ओर तोते, कोयल एवं कौवे शोर कर रहे हैं। शीतल, मंद, सुगन्धित वायु बह रही है। रात भर की बिछुड़ी हुई चकई, चकवे से मिल रही है।


User: Mohini

Views: 1

Uploaded: 2025-02-17

Duration: 02:39