जानिए HIIMS में Kizhi (पोटली मसाज) में उपयोग होने वाली पोटली कैसे बनाई जाती है?

जानिए HIIMS में Kizhi (पोटली मसाज) में उपयोग होने वाली पोटली कैसे बनाई जाती है?

HIIMS में किजी पोटली (Potli) को आयुर्वेदिक विधियों और जड़ी-बूटियों के साथ पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार होती है: br br 1. जड़ी-बूटियों का चयन: br पहले रोग की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार विशेष औषधीय जड़ी-बूटियों का चयन किया जाता है, जैसे – अरंडी के पत्ते, निर्गुंडी, अश्वगंधा, सौंठ, हल्दी, रसमदुर आदि। br br 2. हर्ब्स को भूनना या पकाना: br इन जड़ी-बूटियों को तिल के तेल या औषधीय काढ़े में भूनकर या हल्का गर्म करके उनका औषधीय रस सक्रिय किया जाता है। br br 3. कपड़े में बांधना: br तैयार मिश्रण को साफ सूती कपड़े में डालकर छोटी-छोटी पोटलियाँ (Potli) बनाई जाती हैं। ये पोटलियाँ मजबूत धागे से बाँधी जाती हैं ताकि मसाज के दौरान ये खुले नहीं। br br 4. गरम करना: br मसाज से पहले इन पोटलियों को औषधीय तेल में डुबोकर हल्का गर्म किया जाता है ताकि यह शरीर में गहराई तक असर कर सके। br br 5.


User: Hiims Hospital Patients Reviews

Views: 5

Uploaded: 2025-06-16

Duration: 02:19

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