'रद्दी' से बदली किस्मत : सुशीला का इनोवेशन की अमेरिका में डिमांड.50 महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

'रद्दी' से बदली किस्मत : सुशीला का इनोवेशन की अमेरिका में डिमांड.50 महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

pरोज सुबह आने वाला अखबार अगले दिन रद्दी हो जाता है इस रद्दी ने झालवाड़ा की एक महिला की किस्मत बदल दी सुशीला देवी ने न्यूज पेपर की कतरनों को हथकरघे पर बुनकर ऐसा इनोवेशन किया. इनके बनाए बैग, लैपटॉप बैग, और सगुन लिफाफों की डिमांड अमेरिका तक से होने लगी. अकेले काम शुरू करने वाली सुशीला ने अपने साथ 50 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है.ppसुशीला देवी ने बताया कि वो एक्सपेरीमेंट करती रहती हैं. एक दिन न्यूज पेपर को हथकरघे पर चढ़ाने का आइडिया आया. अखबार के कतरनों को रंग दिया और उपयोगी सामान बनाने लगीं.ppसुशीला के लिए ये राह इतनी आसान नहीं थी. 17 साल पहले पति की मौत ने उन्हें तोड़ दिया. कंधों पर पांच बच्चों को पालने की जिम्मेदारी थी. उन्होंने हैंडलूम, सिलाई और ब्लॉक प्रिंटिंग की ट्रेनिंग ली. इस राह पर चल पड़ी. समाज ने ताने भी दिए. जमाना इनकी सफलता पर इनकी तारीफ कर रहा है.ppभरतपुर की अमृता हाट में झालरापाटन स्वयं सहायता समूह के नाम से इन्होंने स्टाल लगाया है.


User: ETVBHARAT

Views: 15

Uploaded: 2025-12-01

Duration: 02:59