swm: खरीद केन्द्र सूने: अब तक तुलाई के लिए जिंस लेकर नहीं पहुंचे किसान

swm: खरीद केन्द्र सूने: अब तक तुलाई के लिए जिंस लेकर नहीं पहुंचे किसान

सवाईमाधोपुर. जिले में भले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद चालू हो गई हो लेकिन यह प्रचार-प्रसार की कमी के चलते अब तक समर्थन मूल्य पर खरीद केन्द्र किसानों को अपनी ओर नहीं खींच पा रहे है। हालात यह है कि पंजीयन नहीं होने पर अब तक तीनों खरीद केन्द्रों इलेक्ट्रॉनिक कांटे तक नहीं लगे है। जिले में सवाईमाधोपुर, खण्डार व चौथकाबरवाड़ा में समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद शुरू हो गई है लेकिन किसानों का रूझान नहीं होने से अब तक खरीद केन्द्र सूने पड़े है।br br केवल 42 किसानों का ही पंजीयनbr br 18 अक्टूबर से उड़द खरीद के लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। ऐसे में 6 दिसम्बर तक केवल केवल 42 किसानों ने अब तक खरीद के लिए पंजीयन कराया है। इनमें चौथकाबरवाड़ा में 37 है जबकि खण्डार में पांच एवं सवाईमाधोपुर केन्द पर पंजीयन का आंकड़ा शून्य है।br br सावों के चलते मण्डियों में बेच रहे उड़दbr उधर, अब शादी-विवाहों का सीजन चल रहा है। किसानों को इन दिनों पैसो की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में जिले के काश्तकार भी खरीद केन्द्रों पर नहीं पहुंच रहे है और कृषि उपज मण्डियों में उड़द को बेच रहे है। हालांकि इस बार अतिवृष्टि से किसानों की उड़द की अधिकतर फसल खराब हो गई थी।br खरीद केन्द्रों पर लटका तालाbr br जिला मुख्यालय पर चकचैनपुरा स्थित अमरूद मण्डी, खण्डार व चौथकाबरवाड़ा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद के लिए की जानी है लेकिन 13 दिन बीतने बावजूद भी समर्थन मूल्य पर अभी केवल एक दाना भी उड़द का नहीं तुल सका है। खरीद केन्द्रों पर ताला लटका है। अभी तक इनमें से भी एक भी किसान खरीद केन्द्रों पर उड़द लेकर नहीं पहुंचा है।br br फैक्ट फाइल...br br - जिले में सवाईमाधोपुर, खण्डार व चौथकाबरवाड़ा में बनाए गए है खरीद केन्द्र।br br -24 नवम्बर से जारी है उड़द की खरीद।br br -13 दिन से तुलाई के लिए नहीं पहुंचा कोई किसान।br br -18 अक्टूबर से शुरू हुई थी पंजीयन की प्रक्रिया।br br -उड़द का समर्थन मूल्य 7800 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।br br इनका कहना है...br br न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद शुरू हो गई है। उड़द का प्रोडक्शन कम होने, बारिश से गुणवत्ता पर असर पड़ा है। ऐसे में किसान खरीद केन्द्रों पर नहीं पहुंच रहे है। अधिक से अधिक किसानों का पंजीयन कराने एवं जिंस तुलाई के प्रयास किए जाएंगे।br br डॉ.


User: Patrika

Views: 4

Uploaded: 2025-12-07

Duration: 00:19