Surah Noor Verse 26
ٱلْخَبِيثَـٰتُ لِلْخَبِيثِينَ وَٱلْخَبِيثُونَ لِلْخَبِيثَـٰتِ ۖ وَٱلطَّيِّبَـٰتُ لِلطَّيِّبِينَ وَٱلطَّيِّبُونَ لِلطَّيِّبَـٰتِ ۚ أُو۟لَـٰٓئِكَ مُبَرَّءُونَ مِمَّا يَقُولُونَ ۖ لَهُم مَّغْفِرَةٌۭ وَرِزْقٌۭ كَرِيمٌۭ ٢٦
अपवित्र स्त्रियाँ, अपवित्र पुरुषों के लिए हैं तथा अपवित्र पुरुष, अपवित्र स्त्रियों के लिए हैं। और पवित्र स्त्रियाँ, पवित्र पुरुषों के लिए हैं तथा पवित्र पुरुष, पवित्र स्त्रियों1 के लिए हैं। ये लोग उससे बरी किए हुए हैं, जो वे कहते हैं। इनके लिए बड़ी क्षमा तथा सम्मान वाली जीविका है।
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